भारत में बाल विवाह एक प्राचीन प्रथा है, जो कई वर्षों तक सामाजिक और सांस्कृतिक कारणों से चलती रही है। इसके परिणामस्वरूप लाखों लड़कियां शिक्षा, स्वास्थ्य और शारीरिक तथा मानसिक विकास के अवसरों से वंचित हो जाती हैं। हालांकि, आज के समय में बाल विवाह को अवैध घोषित कर दिया गया है और इसे रोकने के लिए कई कानूनी उपायों को लागू किया गया है।