भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत हत्या करने वाले व्यक्ति को मृत्युदंड (फांसी) या आजीवन कारावास की सजा दी जाती है। यह धारा उन मामलों में लागू होती है जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति की जान जानबूझकर और नृशंस तरीके से लेता है। यदि किसी हत्या की योजना पहले से बनाई गई हो या हत्या जानबूझकर की गई हो, तो आरोपी को धारा 302 के तहत दोषी ठहराया जा सकता है।