भारत में हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के तहत हिंदू धर्म के अनुयायी अपनी शादी, तलाक और अन्य पारिवारिक मामलों को निपटाने के लिए एक निर्धारित कानूनी मार्ग का अनुसरण करते हैं। इस अधिनियम के माध्यम से विवाह के पवित्र बंधन के लिए एक कानूनी संरचना दी गई है, साथ ही तलाक के मामलों के लिए भी नियम निर्धारित किए गए हैं।